गांधी जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन एप लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत पानी समितियों के साथ संवाद भी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गांधी जी के जीवन से जुड़ी बातों का भी जिक्र किया।
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी इन दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग ‘ग्राम सभाओं’ के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं।
जल समितियों के साथ वर्चुअल संबोधन में उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है बल्कि इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है। ये विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा मूमेंट है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है, गांधी जी कहते थे कि ग्राम स्वराज का वास्तविक अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है। इसलिए मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि ग्राम स्वराज की ये सोच, सिद्धियों की तरफ आगे बढ़े।
विपक्ष पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर लंबे समय तक नीति-निर्धारण की जिम्मेदारी थी, उन्हें ये सवाल खुद से जरूर पूछना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कई फिल्मों, कहानियों और कविताओं में दिखाया जाता है कि कैसे गांव की महिलाओं और बच्चे पानी लेने के लिए मीलों दूर तक जाया करते थे। कुछ लोगों के मन में, गांव का नाम लेते ही यही तस्वीर उभरती है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं गुजरात से हूं। मैंने देखा है कि पानी की एक-एक बूंद कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर 2019 तक देश में केवल 3 करोड़ घरों तक ही नल से पानी पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, 5 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है।