भारत अमेरिका ने तालिबान को दिया कड़ा संदेश, अफगान सरजमीं का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ ना हो

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पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा

व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन की बैठक हुई। बैठक के बाद भारत और अमेरिका ने तालिबान को कड़ा संदेश दिया है। भारत अमेरिका ने संयुक्त बयान में तालिबान से कहा कि वह आगे से किसी को भी अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी अन्य देश पर हमले के लिए ना होने दें।

भारत और अमेरिका ने अफगानिस्तान के नए शासकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा की युद्ध ग्रस्त देश की धरती का किसी भी अन्य देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने या प्रशिक्षण देने के लिए फिर से इस्तेमाल ना हो।

दोनों देशों ने तालिबान की उस पर प्रतिबद्धता की भी बात की जिसमें तालिबान ने सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यकों के अधिकारों और महिलाओं के अधिकारों को बरकरार रखने की बात कही थी। दोनों देशों ने तालिबान से उसके द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान किया।

भारत अमेरिका के संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने संकल्प किया कि तालिबान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 का पालन करना चाहिए। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अफगानिस्तान की सरजमी का किसी अन्य देश को धमकाने या उस पर हमला करने या किसी आतंकवादी को शरण देने के लिए  दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

दोनों देशों ने संयुक्त बयान में अफगानिस्तान में आतंकवाद से निपटने के महत्व पर जोर दिया। बता दें कि यह प्रस्ताव अगस्त में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता के दौरान मंजूर किया गया था।