संसद का मानसून सत्र अब तक काफी हंगामेदार रहा। पेगासस जासूसी, महँगाई और किसानों के मुद्दों पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सोमवार को तीन बजे तक तीसरी बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही दो बजकर 45 मिनट पर जैसे ही तीसरी बार आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्यों ने फिर शोर शराबा और हंगामा शुरू कर दिया।
पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने सदस्यों से कहा कि अपनी सीट पर जाकर वे जनहित के मुद्दों पर चर्चा करें। उन्हें जनता ने यहां अपनी समस्याएं रखने के लिए भेजा है और इस तरह से हंगामा करने से कुछ नहीं होगा। लेकिन सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी तो उन्होंने दो मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले दो बजे जब सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद जब शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर सदन के बीचो-बीच आकर नारेबाजी करने लगे। पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी ने शोर शराबे के बीच ही जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए।
उन्होंने सदस्यों ने हंगामा नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन चर्चा के लिए होता है। सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और सदस्यों को अपनी जगह पर जाकर सदन की चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और शोर शराबा करते रहे। हंगामा बढ़ते देख पीठासीन अधिकारी ने दो बजकर 45 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह में भी विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। अध्यक्ष ओम बिरला ने कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि और टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू को बधाई देने के बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तो कांग्रेस, वामदल और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे कथित पेगासस जासूसी की जाँच, किसानों के मुद्दे और महँगाई पर सरकार से जवाब की माँग कर रहे थे। शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही चलती रही।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जब पेट्रोल-डीजल की कीमतों से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे, तभी विपक्षी सदस्यों का शोर और बढ़ गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे कहा कि वे अपनी सीटों पर जायें। वे सरकार से जवाब चाहते हैं और सरकार जवाब देने के लिए तैयार है। उन्हें सरकार का जवाब सुनना चाहिये, लेकिन जब उनकी अपील का हँगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ तो 11.24 बजे अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।