सिंगापुर के जहाज में लगी भीषण आग, भारतीय तटरक्षक बल ने आग पर काबू के लिए भेजा ​’वैभव’ और ‘वज्र’

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जहाज में लगी भीषण आग

मुख्य बातें –

– बचाए गए 25 सदस्यीय चालक दल में फिलीपींस, चीनी, भारतीय और रूसी नागरिक शामिल
– जहाज पर खतरनाक रसायनों से भरे ​1,486 कंटेनर​ लदे होने से भीषण खतरा अभी टला नहीं

नई दिल्ली। सिंगापुर के झंडे वाले जहाज पर​ लगी आग को बुझाने के लिए ​​​​भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ​के जहाज ​​’वैभव’ और ‘वज्र’ ​​कोलंबो बंदरगाह​ के पास ​​पहुंच गए हैं​​। ​पांच भारतीयों समेत ​​सभी 25 ​चालक दल सदस्यों को ​पहले ही ​सुरक्षित निकाल लिया गया है​ लेकिन जहाज पर खतरनाक रसायनों से भरे ​1,486 कंटेनर​ लदे होने से भीषण खतरा अभी टला नहीं है​​।​​ ​

जहाज ​​एमवी एक्स-प्रेस पर्ल ने ​15 मई को भारत के हजीरा बंदरगाह से 25 टन नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायनों सहित ​​1,486 कंटेनर लोड किये थे​। वापस अपने मुल्क जाते समय ​​हजीरा से कोलंबो के रास्ते में कोलंबो बंदरगाह, श्रीलंका से लगभग 9 समुद्री मील की दूरी पर ​खराब मौसम के कारण कुछ कंटेनर समुद्र में गिरकर बह गए। कई कंटेनर ढहकर जहाज पर ही गिर पड़े और उनमें एक विस्फोट के बाद आग लग गई।

​लगभग 25 टन खतरनाक नाइट्रिक एसिड और अन्य रसायनों से लदे इस जहाज में आग ने भीषण रूप ले लिया। ​विस्फोट और जहाज में आग लगने के बाद करीब 8-10 और कंटेनर समुद्र में गिर गए। पोत के 25 सदस्यीय चालक दल में फिलीपींस, चीनी, भारतीय और रूसी नागरिक शामिल थे जिन्हें सुरक्षित बचा लिया गया है।

श्रीलंकाई नौसेना ने आग बुझाने के प्रयास शुरू करने के साथ ही विस्फोट के बाद जहाज को खाली करा लिया और नीदरलैंड, बेल्जियम और भारत से मदद मांगी।

श्रीलंकाई वायुसेना की ओर से जारी तस्वीरों में जहाज ​​एमवी एक्स-प्रेस पर्ल आग की लपटों और घने धुएं में घिरा हुआ दिखाई दे रहा है। ​भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने​ ​अपने जहाजों ‘वैभव’ और ‘वज्र’ को​ भेजा है​ और आग बुझाने में मदद के लिए एक विमान भेजने की तैयारी है।

आईसीजी प्रवक्ता के अनुसार श्रीलंका भेजे गए दोनों जहाज बाहरी फोम अग्निशमन और प्रदूषण प्रतिक्रिया क्षमताओं से लैस हैं। इसके अलावा, कोच्चि, चेन्नई और तूतीकोरिन में आईसीजी फॉर्मेशन तत्काल सहायता के लिए तैयार हैं। हवाई निगरानी और प्रदूषण प्रतिक्रिया के लिए आईसीजी के विमान चेन्नई और कोच्चि से तूतीकोरिन लाए जा रहे हैं।

ऑपरेशन के लिए आईसीजी के अधिकारी लगातार श्रीलंकाई अधिकारियों के संपर्क में है।​ आईसीजी दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम का सक्रिय सदस्य होने के नाते इस क्षेत्र में समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारियों के लिए प्रतिबद्ध है।​​