नई दिल्ली। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में करीब 4 घंटे तक सर्वदलीय बैठक चली। बैठक में जम्मू-कश्मीर के नेताओं के अलावा गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। बैठक में सभी दलों ने अपनी – अपनी समस्याएं पीएम के सामने रखा।
मीटिंग में कांग्रेस ने भी अपनी तरफ से 5 मांगे सरकार के सामने रखे हैं। मीटिंग के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने सरकार के सामने 5 बड़ी मांगें रखी हैं।
पहली मांग – जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा जल्द मिले। सदन के अंदर गृहमंत्री जी ने हमें आश्वासन दिया था कि राज्य का दर्जा वक्त आने पर बहाल किया जाएगा।
दूसरी मांग – पंचायत और जिला परिषद के चुनाव हुए हैं और ऐसे में विधानसभा के चुनाव भी तुरंत होने चाहिए।
तीसरी मांग – केंद्र सरकार गारंटी दे कि हमारी जमीन की गारंटी और रोजगार की सुविधा हमारे पास रहे।
चौथी मांग – कश्मीरी पंडित पिछले 30 साल से बाहर हैं, जम्मू-कश्मीर के हर दल की जिम्मेदारी है कि उन्हें वापस लाया जाए और उनका पुनर्वास कराया जाए।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मांगों के साथ – साथ 5 अगस्त 2019 को राज्य के दो हिस्से करने पर भी अपना विरोध जताया।