भारत 14 लाख के करीब लोगों को मुफ्त एंटी-रेट्रो-वायरल उपचार प्रदान कर रहा है – डॉ. हर्षवर्धन

0
18
डॉ हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 75वें सत्र को डिजिटल रूप से संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं आज संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस प्रतिष्ठित मंच को संबोधित करते हुए सम्मानित और प्रसन्न महसूस कर रहा हूं। मैं अपनी सरकार की ओर से आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं और इस बैठक की योजना बनाने में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं। एड्स पर इस उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेना भारत के लिए खुशी और सौभाग्य की बात है।

उन्होंने कहा, ‘जहां आम धारणा यह है कि एचआईवी महामारी नियंत्रण में है, महामारियां बार-बार उभरती हैं और इसलिए, निरंतर निगरानी एवं सही समय पर उपचारात्मक उपाय आवश्यक हैं। मुझे अपने संबोधन की शुरुआत स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और आउटरीच कार्यकर्ताओं सहित अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना करते हुए करनी चाहिए, जिन्होंने कोविड-19 के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर यह सुनिश्चित किया है कि एचआईवी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के लिए दवा का अभाव न हो। मैं इस अवसर पर उन लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद इस अवधि के दौरान एचआईवी-एड्स की वजह से अपनी जान गंवाई।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने विशिष्ट एचआईवी रोकथाम मॉडल बोलते हुए कहा कि यह ‘सोशल कॉन्ट्रैक्टिंग’ की अवधारणा के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिसके जरिए सिविल सोसाइटी की मदद से ‘लक्षित हस्तक्षेप कार्यक्रम’ लागू किया जाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य व्यवहार परिवर्तन, संचार, आउटरीच, सेवा वितरण, काउंसलिंग एवं जांच करना और एचआईवी स्वास्थ्य सेवा के साथ इनका मेल सुनिश्चित करना है।

उन्होंने कहा कि भारत करीब 14 लाख लोगों को मुफ्त एंटी-रेट्रो-वायरल उपचार मुहैया करा रहा है। भारत के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम को दुर्गम और जोखिम वाली आबादी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संशोधित, पुनर्जीवित और परिवर्तित किया गया है। हम धीरे-धीरे एचआईवी से पीड़ित लोगों को डोल्यूटग्रेविर की तरफ ले जा रहे हैं, जो एक सुरक्षित और प्रभावोत्पादक एंटी-रेट्रो-वायरल दवा है।

डॉ हर्षवर्धन ने इस मौके पर कहा कि यदि हमें अगले 10 वर्षों में एड्स को समाप्त करने के वादे को पूरा करना है तो एचआईवी के शून्य नए संचरण का लक्ष्य प्राप्त करना होगा। हमें आगे एक लंबी यात्रा तय करनी है।