नई दिल्ली। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल अशोक कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना समुद्री सीमाओं को सुरक्षित करने में पूरी तरह सक्षम है। भारत को कोई धोखा नहीं दे सकता। समुद्र में चीनी युद्धपोतों और अन्य संदिग्ध जहाजों की आवाजाही पर भारत 2 प्रीडेटर ड्रोन से बंगाल की खाड़ी से लेकर पूरी समुद्री सीमाओं पर नजर रख रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत लगातार अपनी समुद्री सरहद की सुरक्षा बढ़ा रहा है। चीन अरबों डॉलर के बुनियादी ढांचे के निवेश के माध्यम से श्रीलंका में घुसपैठ कर रहा है, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ी हैं लेकिन ऐसी गतिविधि पर भारतीय सुरक्षा बलों की कड़ी नजर है।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में भारत ने खुद को कई गुना मजबूत किया है, जिससे चीन को उसकी हर चाल का जवाब दिया गया। भारत हर मोर्चे पर न केवल चौकन्ना है, बल्कि चीन की हर चालबाजी को पूरी तरह ध्वस्त करने की भी हमारी तैयारी है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने पर भारतीय नौसेना ने अमेरिका से दो 2 प्रीडेटर ड्रोन लिए थे। चीन की चुनौती से निपटने के लिए भारत फिलहाल इन्हीं 2 प्रीडेटर ड्रोन से बंगाल की खाड़ी से लेकर पूरी समुद्री सीमाओं पर नजर रखे हुए है। यह चीन, जापान, श्रीलंका हर देश के जहाजों पर नजर रखने में सक्षम है। अब कोई हमें समुद्री सरहद पर चौंका नहीं सकता। अब इसके बाद 30 प्रीडेटर ड्रोन लिए जायेंगे, जिससे समुद्री सीमा पर दूर तक निगरानी रखी जा सकेगी।
दुश्मन के खिलाफ भारत की समुद्री नीति के बारे में नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल अशोक कुमार ने कहा कि हिन्द महासागर और भारतीय समुद्री सीमा से प्रति घंटे एक लाख, 20 हजार जहाज गुजरते हैं। भारत ने चीन पर रणनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए समुद्री सीमाओं को मजबूत करने की योजना बनाई है। इसी के तहत भारतीय नौसेना अपने बेड़े में 6 नई पनडुब्बियां शामिल करने की तैयारी कर रही है। इससे समुद्र में भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि सबमरीन किसी भी नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में छह पनडुब्बियां बनाने का फैसला अहम है। भारतीय नौसेना के जवान चीन की चालाकी पर बारीकी से नजर बनाए रहते हैं। चीन बार-बार समुद्र में अपना कब्जा जमाने की कोशिश करता रहता, लेकिन इसकी यह साजिश कामयाब नहीं हो पाती है।