दिखी इमरान खान की बेबसी, जो बाइडन बात नहीं कर रहे और विदेश मंत्री ने रिश्तों के पुनर्मूल्यांकन की बात कह दी

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इमरान खान

अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता दिलाने के लिए पाकिस्तान हर संभव कोशिश में लगा हुआ है। इस बीच पाकिस्तान पर तालिबान का सहयोग करने के भी आरोप लग चुके हैं। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बातचीत न करने से भी इमरान सरकार को धक्का लगा है।

सीएनएन से बात करते हुए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए तालिबान के साथ जुड़ना सबसे सही तरीका है। अमेरिका-पकिस्तान संबंधों को लेकर उन्होंने कहा है कि ऐसी बेरुखी कभी नहीं देखी।

इमरान खान ने कहा कि तालिबान का समूचे अफगानिस्तान पर नियंत्रण है। अगर तालिबान सभी गुटों को साथ लेकर एक समावेशी दृष्टिकोण से चलता है तो अफगानिस्तान में 40 सालों के बाद शांति संभव है।

इमरान खान ने अफगानिस्तान के महिलाओं के मसलों को लेकर कहा है कि कोई बाहर से आकर अफगानिस्तान के महिलाओं को अधिकार नहीं दिला सकता है। अफगानिस्तान की महिलाएं मजबूत हैं। उन्हें वक्त दें। उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे।

उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के हालात का सबसे अधिक नुकसान पाकिस्तान को हुआ है। हम अमेरिका के लिए किराए की बंदूक की तरह थे। हमसे उम्मीद थी कि हम अमेरिका को अफगानिस्तान युद्ध जिता दें, जो नहीं हो सका।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से कॉल पर बातचीत नहीं होने से इमरान खान नाराज चल रहे हैं। इमरान खान ने जो बाइडन से बातचीत को लेकर कहा है कि मुझे लगता है कि वह बहुत व्यस्त चल रहे हैं लेकिन अमेरिका के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ फोन कॉल पर निर्भर नहीं है बल्कि एक बहुआयामी संबंध होना चाहिए।

बता दें कि हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटली ब्लिंकन ने कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करेगा।