लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का शनिवार शाम को निधन हो गया। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे। पिछले दिनों तबीयत खराब होने के बाद उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 जुलाई के बाद उनकी हालत फिर से बिगड़ी और उसके बाद उन्हें पीजीआई में शिफ्ट किया गया।
पीजीआई में ही उन्हें शिफ्ट करने के बाद शनिवार शाम उनका निधन हो गया। बता दें पीजीआई में शिफ्ट होने के बाद दिन पर दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। डॉक्टर लगातार उनकी देखभाल में लगे थे।
कल्याण सिंह के निधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई ने भी कई बार कल्याण सिंह का हालचाल लिया था। कल्याण सिंह के निधन की खबर मिलते ही बीजेपी समेत सभी राजनीतिक दलों में शोक की लहर दौड़ गई है।
राममंदिर आंदोलन को दी अलग पहचान
90 के दशक में भाजपा के राममंदिर आंदोलन को कल्याण सिंह ने ही अलग पहचान दी। अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने की जिम्मेदारी ली और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन् 1932 को अलीगढ़ में अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ।
वे बचपन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। कल्याण सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत कर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद अध्यापक की नौकरी की। साथ-साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ कर राजनीति के गुण भी सीखते रहे।
इमरजेंसी में 21 महीने जेल में रहे
कल्याण सिंह 1967 में अपना पहला विधानसभा चुनाव अतरौली से जीतकर उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे। कल्याण सिंह 1967 से लगातार 1980 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। इस बीच देश में आपातकाल के समय 1975-76 में 21 महीने जेल में रहे।