नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश के पहले एंटी कोविड ओरल ड्रग 2-डीजी की पहली खेप लॉन्च करते हुए इसे कोविड संकट के समय उम्मीद की नई किरण बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अभी हमें निश्चिन्त होने की जरूरत नहीं है और न ही थकने व थमने की जरूरत है क्योंकि कोरोना संक्रमण की यह लहर दूसरी बार आई है। आगे भी इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है। हमें पूरी सतर्कता के साथ कदम आगे बढ़ाने होंगे।
डीआरडीओ की एंटी कोविड दवा 2-डीजी की पहली खेप रिलीज करते हुए उन्होंने कहा कि डीआरडीओ और डीआरएल की 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) प्रभावी सिद्ध होगी। यह हमारे देश के वैज्ञानिकों की क्षमता का एक बड़ा उदाहरण है। इसके लिए मैं डीआरडीओ और इस ड्रग की अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी सभी संस्थाओं को अपनी ओर से बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने हर स्थिति को काफी गंभीरता से लिया है। चाहे वह ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन टैंकर और दवाओं की आपूर्ति का मामला हो या आईसीयू बेड्स का मामला हो, सभी प्रयास समन्वय करके किये गए जिसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई निर्देश जारी किए हैं। जिसके अंतर्गत ज्यादा डोर टु डोर कोरोना के परीक्षण किये जा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सभी आवश्यक चिकित्सा उपकरणों से लैस किया गया है। सेना के मेडिकल कोर ने अपने सेवानिवृत्त डॉक्टरों को भी दोबारा सेवा में लाने का निर्णय लिया है ताकि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था को और अधिक मज़बूती दी जा सके। मैं ऐसे चिकित्सकों की हृदय से सराहना करता हूं जो सेवानिवृत्त होने के बाद भी इस राष्ट्र अभियान से जुड़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इन सब कठिनाइयों से गुजरते हुए भी हमने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा पर हमारी तैयारियों पर कोई प्रभाव न पड़े। हमारी सेनाओं के जोश और उत्साह में कहीं भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हमें यह अच्छी तरह मालूम है कि कठिनाई कितनी ही बड़ी क्यों न हो, हम उस पर विजय पा लेंगे।
इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मई के महीने में आज का दिन हम सबके लिए सबसे ज़्यादा सुखद दिन है। आज का दिन सुखद इसलिए भी है क्योंकि आज नए मामलों से एक लाख ज़्यादा रिकवरी हुई है। हम एक साल से ज़्यादा समय से कोविड की जंग लड़ रहे हैं। रक्षा क्षेत्र के आउटकम के तहत ये हमारी पहली स्वदेशी दवा है, ये कोविड वायरस के प्रकोप को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कम करने की पूरी क्षमता रखती है।