भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए वायुसेना का विमान जल्द दोहा रवाना होगा

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भारतीय विमान दोहा जाएगी

अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों को निकालने का ऑपरेशन फिर शुरू हो गया है। अमेरिकी सेना के सहयोग से गुरुवार रात काबुल से 150 भारतीयों को काबुल एयरपोर्ट से कतर एयरवेज के जरिए दोहा भेजा गया है जहां उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया। ये भारतीय अफगानिस्तान में नाटो बलों के साथ कार्य कर रहे थे। अब इन भारतीयों को देश में लाने के लिए वायुसेना का विमान जल्द ही दिल्ली से दोहा के लिए रवाना होगा।

इससे पहले 17 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से भारतीय वायुसेना का एक विमान 150 भारतीयों को लेकर स्वदेश लौट था। वायुसेना का सी-17 विमान काबुल से सीधे गुजरात के जामनगर पहुंचा था, फिर वहां से नागरिकों को गाजियाबाद लाया गया था। इससे पहले 16 अगस्त को भारतीय वायुसेना का सी-19 विमान अफगानिस्तान से कुछ कर्मियों को लेकर भारत लौटा था। हालांकि काबुल में अभी भी कई भारतीय फंसे हुए हैं।

नाटो की सेनाएं वर्ष 2003 से अफगानिस्तान में थीं और इस दौरान उन्होंने तालिबानियों से सीधा मोर्चा लिया। वर्ष 2014 से उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव किया और इसके लिए अफगान सेना को प्रशिक्षित करना शुरू किया। अरबों डालर खर्च करके दिए गए प्रशिक्षण के बावजूद अफगान सुरक्षा बल तालिबान के सामने टिक नहीं सके।

नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग 30 देशों के सैन्य गठबंधन के विदेश मंत्रियों की आज होने वाली आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें अफगानिस्तान पर चर्चा होगी। स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को ट्वीट किया कि अफगानिस्तान पर अपने साझा रुख एवं समन्वय जारी रखने के लिए उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस बुलाई है।

स्टोल्टेनबर्ग ने मंगलवार को पश्चिम समर्थित सुरक्षा बलों की तेजी से हुई हार के लिए अफगानिस्तान के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि नाटो को भी अपने सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम की खामियों को दूर करना चाहिए। स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि नाटो देशों के लगभग 800 कर्मचारी अभी भी अफगानिस्तान में काम कर रहे हैं।