मुख्य बातें-
- गोवा में तेज हवाओं के साथ बारिश, सड़क किनारे खड़े वाहनों पर पेड़ गिरे
- कर्नाटक में तेज बारिश की वजह से राज्य के 73 गांव प्रभावित हुए
बेंगलुरु। अरब सागर के ऊपर कम दबाव से बने चक्रवात ‘तौकते’ का कहर दिखना शुरू हो गया है। केरल में भारी बारिश की शुरुआत के बाद अब कर्नाटक के तटीय इलाकों से लेकर गोवा तक बारिश और तेज हवाओं से बड़े नुकसान की खबर है। केरल के तटीय इलाकों में तबाही के बाद कर्नाटक में भारी बारिश से चार लोगों की मौत हुई है। चक्रवात को लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है।
रविवार को चक्रवात ‘तौकते’ गोवा के तट तक पहुंच गया है। गोवा के तटीय क्षेत्र से टकराने के बाद पणजी में भी इसका असर देखा गया। गोवा में चक्रवाती तूफान से भारी नुकसान की खबर है। गोवा के तट पर तेज हवाओं के साथ-साथ मूसलाधार बारिश भी हो रही है। सड़कों पर कई जगह पेड़ गिर गए हैं। सड़क किनारे खड़े वाहनों पर पेड़ गिरने से काफी नुकसान हुआ है। इससे पहले चक्रवात ने कर्नाटक राज्य के तटीय इलाकों में तबाही मचाई। कर्नाटक में तेज बारिश की वजह से चार लोगों की मौत हुई है। ‘तौकते’ चक्रवात से राज्य के 73 गांव प्रभावित हुए हैं।
मौसम विभाग का अनुमान है कि चक्रवात ‘तौकते’ रविवार को मुंबई से भी गुजरेगा। इसे देखते हुए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने चेतावनी जारी कर दी है। इस चक्रवात को 18 मई तक गुजरात पहुंचने की आशंका है। इसे देखते हुए गुजरात में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। गुजरात में चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए राज्य में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ गांधीनगर के उप कमांडेंट रणविजय कुमार सिंह ने बताया कि 24 टीमें आज शाम तक अपनी जगह पर तैनात हो जाएंगी। इनमें से 13 टीमें बाहर से मंगाई गई हैं।’
चक्रवात तौकते का नामकरण म्यांमार ने किया
मस्कट (ओमान) में वर्ष 2000 में आयोजित अपने 27वें सत्र में विश्व मौसम विज्ञान संगठन व एशिया आर्थिक एवं सामाजिक आयोग और पैसिफिक पैनल ऑन ट्रॉपिकल में बात पर सहमति हुई थी कि वे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाले चक्रवात के नाम तय करेंगे। सदस्य देशों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बीच उत्तर हिंद महासागर में आने वाले चक्रवात का नामकरण सितम्बर 2004 से शुरू हुआ। इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘तौकते’ म्यामांर ने दिया है।जिसका अर्थ है “गेको”, जिसका बर्मी भाषा में मतलब तेज आवाज निकालने वाली छिपकली होता है।