उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारगिल विजय दिवस पर लखनऊ स्थित कारगिल शहीद वाटिका में शहीद स्मृति स्थल पर पुष्पाजंलि कर शहीदों को नमन किया। इस दौरान ‘वीरता तथा सम्मान’ पुस्तक का अनावरण भी किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सैनिक की शहादत ही कौम की जिंदगी होती है। एक जवान जब शहीद होता है तो कौम को एक नई जिंदगी देता है, एक नई प्रेरणा प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि आज कारगिल विजय दिवस के दिन बलिदानियों को श्रद्धांजलि और उनके परिजनों के लिए आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर मां भारती की सेवा में वीरगति को प्राप्त महान सपूतों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब इस बात को जानते हैं कि भारत माता के महान सपूतों, वीर जवानों की सतर्कता, उनकी सजगता और मातृभूमि के लिए उनके समर्पण और अद्भुत बलिदान के कारण ही हम सब न केवल स्वाधीनता का अनुभव करते हैं बल्कि एक सुरक्षित माहौल में चैन की नींद व्यतीत करते हैं। चैन से अपना गुजर-बसर करते हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि उनके परिजनों को सम्मानित करने के लिए अवसर प्राप्त हुआ। हमारी बोली, भाषा, रहन-सहन, खानपान अलग हो सकता है लेकिन हमारा धर्म एक है और वह है राष्ट्रधर्म। यह हमारा सौभाग्य है कि अभी उन शहीद के परिवारों से जुड़े हुए सम्मानित सदस्यों को यहां पर मंच पर सम्मान करने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैप्टन मनोज पांडे, राइफलमैन सुनील जैन, मेजर रितेश शर्मा, कैप्टन आदित्य मिश्रा, लांस नायक द्विवेदी लखनऊ के 5 ऐसे भारत माता के अमर सपूत थे, जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान देश की सीमा की रक्षा करते हुए दुश्मनों को भारत की सीमा से बाहर कर दिया और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।
उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति सम्मान और उनके परिवारों के प्रति संवेदना रखने के लिए हर एक भारतीय को अपनी सेना, बलों, और अपने सभी जवानों के मनोबल को सदैव बनाए रखने का पूरा प्रयास करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध मई 1999 में पाकिस्तान द्वारा एक षड्यंत्र के तहत देश पर थोपा गया था। कारगिल की उन चोटियों पर एक साजिश के तहत दुश्मन देश (पाकिस्तान) ने कब्जा किया और वहां से आसानी से भारतीय सेना को निशाना बनाया जाने लगा। लेकिन मात्र दो-ढाई महीने के अंदर ही भारत के बहादुर जवानों ने दुश्मन को विपरीत स्थितियों के बावजूद वहां से भागने के लिए विवश कर दिया था। तब से 26 जुलाई की तिथि पूरा देश कारगिल विजय के रूप में मनाता है।
उन्होंने कहा कि 134 करोड़ की आबादी आज अगर अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है तो भारत के इन बहादुर जवानों की पुरुषार्थ का ही परिणाम है। उनके प्रति सम्मान का भाव रखना, उनके परिजनों को कहीं भी एकाकीपन महसूस ना हो, यह देखने के लिए समाज का संभल, उनके साथ बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खासतौर पर भारत के अंदर हर क्षेत्र से सेना में हर प्रकार की भर्तियों के लिए नौजवानों के लिए रास्ता खुल सके, इसके लिए प्रदेश में हर कमिश्नरी के अंदर एक सैनिक स्कूल खोलने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश के अंदर सैनिक स्कूलों का शुभारंभ लखनऊ से होता है, उत्तर प्रदेश से होता है। वर्तमान में उप्र में 4 सैनिक स्कूल संचालित हो रहे हैं। गोरखपुर में 5वें का शिलान्यास हो चुका है। यूपी सरकार का प्रयास है कि हर कमिश्नरी में सैनिक स्कूल हो।