नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का 7वां जश्न पाकिस्तान और चीन से लगती भारतीय सीमा पर भी मनाया गया। पूर्वी लद्दाख की 18 हजार फीट ऊंची बर्फीली पहाड़ियों, गलवान घाटी और पैन्गोंग झील के किनारे योगाभ्यास करके ‘हिमवीरों’ ने पूरी दुनिया को सन्देश दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी को योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि योग एक प्राचीन भारतीय प्रथा है जो अब दुनिया भर में बेहद लोकप्रिय हो गई है। योग एक व्यक्ति को अधिक से अधिक मानसिक और शारीरिक कल्याण प्राप्त करने में मदद करता है। सर्वांगीण स्वास्थ्य और भलाई के लिए योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने पूर्वी लद्दाख की 18 हजार फीट ऊंची बर्फीली पहाड़ियों, गलवान घाटी और चीन बॉर्डर के पास 14 हजार फीट की ऊंचाई पर पैन्गोंग झील के किनारे योगाभ्यास किया। लद्दाख में भी आईटीबीपी के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 18,000 फीट की ऊंचाई पर योग किया।
गुवाहाटी में 60 असम गर्ल्स बीएन एनसीसी गुवाहाटी के कैडेट्स ने विभिन्न योगाभ्यास दिखाकर बताया कि योग हमें शारीरिक रूप से फिट और मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं। योग हमें तनाव से ताकत और नकारात्मकता से रचनात्मकता की ओर जाने का रास्ता दिखाता है। इन कैडेट्स ने बताया कि कैसे योग न केवल शारीरिक और मानसिक विश्राम प्रदान करता है बल्कि विशेष रूप से वर्तमान महामारी के समय में ताकत और लचीलापन भी विकसित करता है।
पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर तैनात भारतीय योद्धा सैनिकों ने अपनी चपलता और सतर्कता बढ़ाने के लिए बौद्ध मंत्रों के साथ योग का अभ्यास किया। नौसेना की पूर्वी कमान के नौसैनिकों ने वियतनाम में आईएनएस ऐरावत पर योगाभ्यास किया। नौसेना का यह जहाज इस समय वियतनाम के कैमरान्ह बंदरगाह पर तैनात है।
जम्मू-कश्मीर में सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प ने बाबा गरीब दास अकादमी में सलोत्री और पुंछ के बच्चों के लिए फन योगा फॉर वेलनेस कैंप आयोजित किया जिसमें बच्चों ने मस्ती करते हुए योग सीखा। इसी तरह किश्तवाड़ जिले में प्रकृति की गोद में आवाम के लिए भारतीय सेना ने योग कैम्प लगाया।
इस अवसर पर केन्द्रीय सैनिक बोर्ड ने कहा कि योग स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है। कोरोनाकाल में योग के साथ रहें, घर पर रहें। योग वह प्रकाश है जो एक बार जला दिया जाए तो कभी कम नहीं होता। जितना अच्छा आप अभ्यास करेंगे, लौ उतनी ही उज्जवल होगी। रक्षा मंत्रालय की गुवाहाटी इकाई ने सन्देश दिया कि योग आपको वर्तमान क्षण में ले जाता है। एकमात्र स्थान जहां जीवन मौजूद है।