जयपुर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं इन दिनों हो रही है। जबसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए हैं तबसे ही सचिन पायलट को लेकर भी इस तरह की बातें होती रहती हैं। पिछली बार भी विवाद के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से सचिन की मुलाकात के बाद मामला शांत हुआ था।
इस बीच सचिन पायलट ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वे कांग्रेस में ही रहकर संघर्ष करेंगे। शुक्रवार को पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों के विरोध में आयोजित धरने पर बैठे पायलट ने भाजपा नेता और सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बयान को पूरी तरह गलत करार दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि रीता बहुगुणा ने सचिन पायलट से फोन कर भाजपा में आने का न्यौता दिया है। हालांकि भाजपा नेता बहुगुणा ने गुरुवार को ही कहा कि मेरे बयान को सही तरीके से नहीं रखा गया।
रीता बहुगुणा के मुताबिक, उन्होंने सचिन पायलट के भाजपा में आने की इच्छा जतायी थी। आज धरने के दौरान सचिन पायलट ने कहा, मैंने भी सुना कि रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि सचिन से बात हुई है। लेकिन मेरी उनसे कोई बात नहीं हुई। पायलट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि रीता जी ने सचिन तेंदुलकर से बात की होगी।
पायलट ने सांगानेर के एयरपोर्ट चौराहे पर स्थित एक पेट्रोल पंप पर बढ़ती महंगाई के विरोध में धरने पर बैठे थे। पायलट के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी, रामनिवास गावड़ीया, मुकेश भाकर भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस मौके पर सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से लोग परेशान हैं, आर्थिक मोर्चे पर लोग टूट चुके हैं। लोगों की जेब में पैसा नहीं है लेकिन दुख की बात है कि केंद्र सरकार लोगों को राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ाए जा रही है।
बता दें कि राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर भंडाना में हर वर्ष प्रार्थना सभा होती है। गत वर्ष राजेश पायलट की पुण्यतिथि के बाद ही सचिन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। जिसके बाद से ही कयास लगाए गए थे कि सचिन पायलट भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के कारण सिर्फ पुष्पांजलि कार्यक्रम ही रखा गया था।