भारत की वायुसेना होगी और मजबूत, मिलेंगे 6 और राफेल जेट

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राफेल फाइटर जेट की नई खेप

नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया 20 अप्रैल को तीन दिवसीय दौरे पर फ्रांस जाएंगे। वे ​21 अप्रैल को फ्रांस के मेरिग्नैक-बोर्डो एयरबेस से छह राफेल फाइटर जेट्स को हरी झंडी दिखाकर भारत के लिए रवाना करेंगे।

इन विमानों को राफेल जेट के लिए पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस में बनाई गई दूसरी स्क्वाड्रन में तैनात किया जायेगा। इसके बाद पूर्वी क्षेत्र के सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में किसी भी आक्रामक का मुकाबला करने के लिए वायुसेना की ताकत बढ़ जाएगी। अब तक 14 राफेल भारत आकर भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बन चुके हैं।

फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट एविएशन से 2016 में ऑर्डर किए गए 36 राफेल फाइटर जेट में से अब तक 21 राफेल भारतीय वायुसेना को फ्रांस में सौंपे जा चुके हैं, जिनमें से अबतक 14 भारत पहुंचे हैं। बाकी सात विमान फ्रांस में वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए रखे गए थे। इन्हीं में से छह राफेल तीन दिवसीय दौरे पर फ्रांस जा रहे ​​वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया हरी झंडी दिखाकर भारत के लिए रवाना करेंगे।

ये छह राफेल 28 अप्रैल को भारत के लिए उड़ान भरने वाले थे, लेकिन एयर चीफ मार्शल भदौरिया की यात्रा के चलते यह कार्यक्रम एक सप्ताह पहले तय कर दिया गया​​। एयर चीफ मार्शल भदौरिया की फ्रांस यात्रा के दौरान ही डसॉल्ट कंपनी पायलटों के अगले बैच को प्रशिक्षण देने के लिए फ्रांस में 4-5 और राफेल्स वायुसेना को सौंप देगी।

अपनी यात्रा के दौरान एयर चीफ भदौरिया एक फ्रांसीसी राफेल स्क्वाड्रन का दौरा करेंगे। वह अपने समकक्ष फिलिप लेविग्ने से मिलेंगे और पेरिस में स्थापित अंतरिक्ष कमान भी देखने जायेंगे।

वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह छह विमान आने के बाद भारत के पास 20 मल्टी रोल राफेल जेट हो जायेंगे। यह सभी छह लड़ाकू विमान फ्रांस से पहली स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस के लिए उड़ान भरेंगे, जहां इन लड़ाकू विमानों को दूसरी स्क्वाड्रन के लिए तैयार किया जाएगा।

भारतीय वायुसेना ने पूर्वी क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने के लिए राफेल जेट की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासिमारा एयरबेस में बनाई है। भारत आने वाले यह छह राफेल लड़ाकू विमान इसी स्क्वाड्रन में तैनात किये जायेंगे। पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग पनागर में पहले से ही हरक्यूलिस सी-130 जे एयरलिफ्ट की स्क्वाड्रन है।

हासिमारा एयरबेस में राफेल की स्क्वाड्रन बनने के साथ ही भारत की हवाई क्षमता मजबूत होगी। सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर दोनों स्क्वाड्रन होने से वायुसेना के पास पूर्वी क्षेत्र में विशेष रूप से सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में उत्तर से किसी भी आक्रामक का मुकाबला करने की ताकत बढ़ जाएगी।

फ्रांसीसी कम्पनी से पांच राफेल जेट्स का पहला जत्था अबू धाबी के पास अल ढफरा एयरबेस में एक स्टॉपओवर के बाद 29 जुलाई, 2020 को अंबाला एयरबेस पहुंचा था। भारतीय वायुसेना ने इन पांचों फाइटर जेट्स को औपचारिक रूप से अपने बेड़े में 10 सितम्बर को शामिल किया था।

इसके बाद तीन राफेल फाइटर जेट्स का दूसरा बैच नवम्बर की शुरुआत में फ्रांस से सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पर पहुंचा था। तीसरे बैच में तीन राफेल जेट 27 जनवरी, 2021 को नॉन स्टॉप फ्रांस से 7000 किलोमीटर से अधिक की उड़ान पूरी करके गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरे थे। 31 मार्च की देर रात तीन और फाइटर जेट राफेल भारत की धरती पर उतरे।

इस तरह 14 राफेल भारत आकर अब तक भारतीय वायुसेना के बेड़े का हिस्सा बन चुके हैं। भारत ने इन सभी फाइटर जेट्स को ऑपरेशनल करके चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर तैनात किया है।