लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सपा सरकार के एक बड़े फैसले को पलट दिया है। योगी सरकार का यह फैसला पंचायत चुनाव को लेकर है। प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों में आरक्षण का रोटेशन पर रोक के पूर्व के फैसलों को पलट दिया है। अब प्रदेश में आरक्षण का रोटेशन जारी रहेगा।
योगी सरकार ने मंगलवार को आरक्षण और आवंटन संबंधी 11वां संशोधन लाकर पूर्व के अखिलेश सरकार द्वारा 2015 में किए गए 10वें संशोधन को समाप्त कर दिया है। बता दें कि 2015 में पंचायत चुनाव के पहले अखिलेश सरकार ने 10वें संशोधन के तहत यह तय किया था जहां पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा, वहां आरक्षण के रोटेशन को शून्य मानते हुए नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया लागू की जाएगी।
तत्कालीन अखिलेख सरकार ने साल 2015 में पंचायत चुनाव से पहले चल रही उत्तर प्रदेश पंचायतीराज नियमावली 1994 में संशोधन कर ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों पर पूर्व के आरक्षण को शून्य कर दिया था। तत्कालीन सरकार का तर्क था कि आरक्षण व्यवस्था को नए सिरे से तय किया जाएगा। लेकिन कुछ कानूनी दांवपेंच की वजह से गोंडा, मुरादाबाद, गौतमबुद्ध नगर और संभल में पंचायतों का पुनर्गठन नहीं हो सका था।
योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों का आरक्षण अपने तयशुदा रोटेशन के मुताबिक ही बदलेगा। रोटेशन की प्रक्रिया को किसी भी तरह से बाधित नहीं किया जाएगा। योगी सरकार के इस फैसले से अब आगामी पंचायत चुनाव में दो तरह की आरक्षण प्रक्रिया लागू नहीं होगा। अब यह पहले की तरह ही चलता रहेगा।