नई दिल्ली। मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि आखिर आप होईकोर्ट में क्यों नहीं गए। हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि जो आरोप लगे हैं, वह गंभीर हैं।
बता दें पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीबीआई से अपने आरोपों की जांच कराने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने अपने ट्रांसफर को भी चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत के आदेश के बाद परमबीर सिंह ने अपनी याचिका को वापस ले लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर आपने अनिल देशमुख को इस मामले में पक्षकार क्यों नहीं बनाया है। अब जल्दी ही परमबीर सिंह की ओर से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की जा सकती है।
हालांकि उच्चतम न्यायालय ने परमबीर सिंह की याचिका पर विचार करते हुए कहा कि अनिल देशमुख पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस सुधारों पर दिए गए फैसले को लागू नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा तभी उठता है जब कोई राजनीतिक हालात बिगड़ते हैं। बता दें कि इसके पहले महाराष्ट्र सरकार ने आरोप लगने के बाद सचिन वाझे को निलंबित कर दिया था और परमबीर सिंह का ट्रांसफर मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से डीजी होमगार्ड्स में कर दिया गया था।
अपने ट्रांसफर के तुरंत बाद ही परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने वाझे को 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था।