भोपाल। दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना का सबसे बड़ा लाभ इन दिनों कोरोना संकट के समय गरीब शहरी नागरिकों, अप्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों को मिलता दिख रहा है। महामारी के दौरान ये रसोई केन्द्र अत्यंत सार्थक सिद्ध हुए हैं। जिसके बाद अब शिवराज सरकार के दिए निर्देशों ने पुख्ता कर दिया है कि यदि कोविड का यह संकट लम्बा चला और लॉकडाउन भी लगाना पड़ा तो भी प्रदेश का कोई गरीब भूखा नहीं सोएगा, उसे 10 रुपए में हर रोज भरपेट भोजन मिलता रहेगा।
इसे लेकर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सभी नगर निगम आयुक्तों और मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को गुरुवार निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण के चलते दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना का संचालन और भी बेहतर ढंग से किया जाये। श्री सिंह का कहना है कि रसोई केन्द्र अभी भी संतोषप्रद ढंग से काम कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में इन्हें और अधिक सुदृढ़ करने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण जिला प्रशासन द्वारा शहरों में कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। इस कारण निर्धन वर्ग के परिवार, जो दैनिक मजदूरी और फुटपाथ व्यवसाय इत्यादि करते हैं, उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। अत: रसोई केन्द्रों की उपयोगिता और अधिक बढ़ गयी है।
वे कहते हैं कि दीनदयाल रसोई केन्द्रों को निरंतर चालू रखा जाये। इस व्यवस्था को और सुदृढ़ की जानी चाहिए। ऐसे निर्धन परिवार, जिन्हें भोजन की व्यवस्था करने में कठिनाई हो, उनको जिला स्तरीय समिति द्वारा निर्धारित सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था किया जाए। वर्तमान परिस्थिति में निकाय पके हुए भोजन के पैकेट के साथ-साथ सूखे राशन के पैकेट भी उपलब्ध कराने पर विचार कर सकते हैं।
वहीं इस संबंध में राजधानी भोपाल में दीनदयाल रसोई का काम देख रहे विनोद शुक्ला का कहना है कि अकेले भोपाल में पांच स्थानों पर इस रसोई का संचालन किया जा रहा है। इसके माध्यम से हर रोज हजारों लोग भरपेट भोजन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे कमिश्नर साहब का जोर भी अभी इसपर बहुत है। वे कहते हैं कि किसी गरीब को भूखा नहीं सोने देना है। हर हाल में उस तक भोजन पहुंचे। फिर वो हमारे पास आए या हम उस तक पहुंचे। इसलिए मोबाइल वैन के माध्यम से भी हम जगह-जगह भोजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही नगर निगम इसके प्रचार के लिए होर्डिंग लगवाने जा रहा हैं, जिससे कि सभी को रसोई तक पहुंचने में आसानी रहे।
उल्लेखनीय है कि नवीन योजना में रसोई केन्द्रों की स्थापना के लिए 13 करोड़ 36 लाख रूपये एक-मुश्त सहायता और 15 करोड़ 84 लाख रूपये का आवर्ती व्यय का बजट स्वीकृत किया गया है। पहली बार राज्य शासन द्वारा पांच रूपये प्रति व्यक्ति के मान से अनुदान स्वीकृत किया गया है, जोकि प्रतिथाली पर भोजन बनाने वाले संस्थान को दिया जा रहा है। अभी विभिन्न स्थानों पर 100 दीनदयाल रसोई केन्द संचालित हैं।