पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद आखिरकार नए मुख्यमंत्री का फैसला हो गया। पंजाब के नए मुख्यमंत्री के रूप में चरणजीत सिंह चन्नी शपथ ले सकते हैं। हरीश रावत चेन्नई को लेकर राजभवन पहुंचे हैं और साथ में सिद्धू भी मौजूद हैं।
इस संबंध में पार्टी इंचार्ज हरीश रावत ने ट्वीट कर जानकारी दी। बता दें कि चरणजीत सिंह चन्नी तीन बार चमकौर साहिब से विधायक बने। इसके बाद 2 बार कांग्रेस की टिकट पर MLA बने। 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
चन्नी रामदासिया सिख कम्युनिटी से हैं। 2017 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस सरकार बनी तो उन्हें टेक्निकल एजुकेशन और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग मंत्री बनाया गया। अमरिंदर सिंह के खिलाफ अगस्त में हुई बगावत की अगुआई करने वालों में चन्नी प्रमुख थे। उन्होंने कहा था कि पंजाब के मुद्दों को हल करने के लिए हमें अमरिंदर पर भरोसा नहीं रहा।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में चन्नी को नेता चुने जाने के बाद हरीश रावत उन्हें लेकर राजभवन पहुंचे। हरीश रावत के साथ नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले CM के लिए सुखजिंदर सिंह रंधावा (सुक्खी) के नाम पर सहमति बन गई थी, लेकिन नवजोत सिद्धू उनके नाम पर राजी नहीं थे। सिद्धू ने खुद को CM बनाने का दावा ठोंका था, लेकिन वे पंजाब कांग्रेस के प्रधान हैं, इसलिए हाईकमान ने उनके नाम को हरी झंडी नहीं दी।
इसके बाद सिद्धू खेमे ने दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। सिद्धू की तरफ से चन्नी का नाम रखने के पीछे खास वजह है। दरअसल, सिद्धू ऐसा CM चाहते हैं जो उनकी बात सुने, लेकिन सुखजिंदर रंधावा का स्वभाव उस तरह का नहीं है।