EWS कोटे पर फिर से विचार करेगी केंद्र सरकार? कोर्ट से मांगा चार हफ्ते का समय

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सीबीआई पर कोर्ट नाराज

सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को सालाना 8 लाख रुपये की सीमा पर केंद्र सरकार फिर से समीक्षा करेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह इस सीमा पर दोबारा विचार करेगा। इससे सरकार ने कोर्ट से 4 हफ्ते का समय मांगा है।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को सरकार के सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बेंच को बताया कि सरकार एक समिति का गठन कर वार्षिक आय के मानदंड पर फिर से विचार करेगी।

देश भर में समान रूप से ईडब्ल्यूएस के लिए आय मानदंड तय करने को लेकर केंद्र द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली के संबंध में पिछले दो महीनों में सुप्रीम कोर्ट में कई प्रस्तुतियां आईं हैं। कोर्ट में कई ऐसी याचिकाएं आई हैं जिनमें वर्तमान शैक्षणिक साल 2021-22 से मेडिकल एंट्री में अखिल भारतीय कोटा सीटों के भीतर EWS के 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती दी है। 21 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र पर कई सवाल भी उठाए थे।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब अगली सुनवाई 6 जनवरी 2022 को करेगी। इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस नियम और शर्त का कोई आधार भी है या सरकार ने कहीं से भी उठाकर ये मानदंड शामिल कर दिए हैं। कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि इसके आधार में कोई सामाजिक, क्षेत्रीय या कोई और सर्वे या डेटा तो होगा?

बता दें कि केंद्र सरकार ने 26 अक्टूबर को, सरकार ने 8 लाख रुपये से कम की वार्षिक आय वाले परिवारों से आने वाले लोगों के लिए 10% कोटा लागू करने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए अपना हलफनामा दायर किया।

मामले में कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि अलग-अलग शहरों, राज्यों और क्षेत्रों के लिए अलग-अलग आय पैमाना होना जरूरी नहीं है क्योंकि समय के साथ आर्थिक स्थितियां बदलती रहती हैं। पूरे देश में लागू एक व्यापक मानदंड को ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण प्रदान करने के आधार के रूप में लिया जाना चाहिए।