तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 15000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि अब तक भूकंप की वजह से 15800 से अधिक लोग मृत्यु की गाल में समा चुके हैं। तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन ने बुधवार को राहत और बचाव कार्य में हो रही देरी को लेकर यह स्वीकार किया कि बचाव कार्य में कमियां हैं।
तुर्की में भूकंप के कारण हजारों इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई है। अभी भी कई लोगों के मलबे में फंसे होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में यह संभावना भी जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। ठंड की वजह से राहत कार्यों में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तुर्की में बचाव दल लगातार भूकंप के बाद जीवित बचे लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
बहुत कम समय बचा है
जीवित बचे लोगों को खोजने के लिए बहुत ही कम समय बचा है। जैसे जैसे दिन बीत रहा है, वैसे वैसे जीवित लोगों की संख्या कम होती जा रही है। आपदा विशेषज्ञों के अनुसार 72 घंटे का समय हो चुका है और इसके बाद जान बचाना बेहद मुश्किल होता है। फिर भी बुधवार को बचाव कर्मी क्षतिग्रस्त हुई इमारतों के नीचे से बच्चों को निकालने का काम कर रहे हैं।
तुर्की के अधिकारियों और चिकित्सकों ने कहा है कि तुर्की में 12391 लोगों की मौत भूकंप की वजह से हुई है। हालांकि विशेषज्ञों को इस बात का डर है कि यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।
सीरिया पहले से ही युद्ध ग्रस्त है, ऐसे में सीरिया में भूकंप आने के बाद राहत स्टॉक जल्द ही समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा है। सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख अधिकारी ने उत्तर पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में सहायता की सुविधा पहुंचाने के लिए आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि यहां पर राहत स्टॉक जल्द ही समाप्त हो जाएगा।
1939 के बाद सबसे बड़ी त्रासदी
संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, भारत और खाड़ी देशों सहित कई देशों ने मदद करने का ऐलान किया है। भारत सरकार ने भूकंप के तुरंत बाद ही तुर्की को मदद भेजी थी। जिसके बाद तुर्की की तरफ से इसके लिए भारत सरकार को धन्यवाद भी दिया गया। इसके अलावा भारत सरकार राहत कार्यों में बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी तुर्की रवाना कर चुकी है।
सोमवार को तुर्की और सीरिया में 7.8 रिक्टर स्केल का भूकंप 1939 के बाद सबसे बड़ा भूकंप माना जा रहा है। बता दें कि 1939 में पूर्वी एरजिनकन प्रांत में भूकंप के बाद 35000 लोग मारे गए थे। 1999 में 7.4 तीव्रता के भूकंप के वजह से 17000 से अधिक लोगों की जान गई थी।