कोलकाता। चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव अलापन बनर्जी के बर्ताव को लेकर केंद्र सरकार ने तीखी नाराजगी जताई है। इसके साथ ही मुख्य सचिव अलापन बनर्जी को दिल्ली बुलाया गया है। इसे लेकर एक तरफ राज्य की सियासत गरमाने लगी है। वहीं खबर है कि ममता सरकार इस मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ अदालत जा सकती हैं।
इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है। इधर भाजपा ने कहा है कि इस मुद्दे पर सियासत का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह केंद्र सरकार का फैसला है। बताते चलें कि मुख्य सचिव अलापन बनर्जी को अब केंद्र में नई जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्हें 31 मई की सुबह 10 बजे से पहले रिपोर्ट करनी है।
बताते चलें कि बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी का कार्यकाल खत्म हो गया था, लेकिन चार दिन पहले ही ममता सरकार ने तीन महीने के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था। लेकिन अब शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अलापन बनर्जी को दिल्ली बुला लिया है। अलापन को ममता बनर्जी का करीबी माना जाता है। केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से उन्हें जल्द से जल्द रिलीज करने का अनुरोध किया है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि प्रतिशोध के तौर पर केंद्र ने मुख्य सचिव को दिल्ली बुला लिया है। इधर भाजपा के वरिष्ठ नेता सायंतन बसु ने कहा है कि इस मुद्दे पर सियासत का कोई सवाल ही नहीं उठता। यह केंद्र सरकार का फैसला है।
बता दें कि अलापन बनर्जी को दिल्ली बुलाने का फैसला ऐसे वक्त लिया गया है जब शुक्रवार को ही यास तूफान में हुए नुकसान को लेकर हुई प्रधानमंत्री मोदी की रिव्यू मीटिंग में ममता बनर्जी आधे घंटे देरी से पहुंची थीं। उनके साथ अलापन बनर्जी भी थे।



















