भाजपा सांसद वरुण गांधी इन दिनों किसानों के पक्ष में अपनी आवाज उठा रहे हैं। लखीमपुर खीरी घटना के बाद उन्होंने कई बार आरोपियों की गिरफ्तारी और किसानों को न्याय दिलाने की बात कही थी। गुरुवार को जब बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट जारी की गई तो उसमें वरुण गांधी और मेनका गांधी का नाम नहीं था।
भाजपा की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी लिस्ट पर वरुण गांधी ने कहा कि इसके 5 साल से मैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक भी बैठक में शामिल नहीं हुआ। मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता हूं। बता दें कि वरुण गांधी बीजेपी में पिछले 17 सालों से है। वे कई मुद्दों पर बीजेपी से अलग अपनी राय रखते रहे हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि कई मुद्दों पर पार्टी से अलग राय रखने के कारण ही वरुण गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनके अलावा दो और नाम ऐसे हैं जिन्होंने सरकार की आलोचना कई बार की है। उन्हें भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं दी गई है। इसमें राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है।
बता दें कि महेंद्र सिंह ने भी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के पक्ष में अपनी बात रखी थी और विराम वहीं वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। बता दें कि वरुण गांधी ऐसे भाजपा नेता है जो कई मौकों पर लखीमपुर की घटना का खुलकर विरोध कर चुके हैं। वे कई बार आरोपियों की गिरफ्तारी की भी मांग कर चुके हैं।
लखीमपुर की घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग भी वरुण गांधी ने की है। बकायदा उन्होंने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस घटना की सीबीआई जांच की भी मांग की थी।