नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि संघ आरक्षण का हमेशा से समर्थक रहा है और समाज में जब तक असमानता है, तब तक आरक्षण की व्यवस्था जारी रहनी चाहिए।
होसबाले ने राजधानी में आयोजित ‘मेकर्स ऑफ मॉर्डन दलित हिस्ट्री’ पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा, “मैं और मेरा संगठन दशकों से आरक्षण के समर्थक रहे हैं। हमने समय-समय पर यह घोषणा की है कि आरक्षण एक ऐतिहासिक जरूरत है। देश में जब तक समाज के किसी वर्ग द्वारा असमानता महसूस की जाती है, तब तक यह जरूरी है।
सरकार्यवाह ने कहा कि दलित समुदाय के योगदान की गौरवपूर्ण चर्चा के बिना देश का राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक इतिहास गलत और अधूरा होगा। ‘मेकर्स ऑफ मॉर्डन दलित हिस्ट्री’ के लेखक सुदर्शन रामवर्धन और गुरुप्रकाश पासवान हैं, जिन्होंने इस पुस्तक में देश के इतिहास और समाज जीवन में दलितों के योगदान की चर्चा की है।
होसबाले ने कहा कि संघ के लिए सामाजिक सौहार्द और सामाजिक न्याय एक राजनीतिक रणनीति का विषय नहीं, बल्कि हमारी आस्था का विषय है। उन्होंने कहा कि आरक्षण एक ‘अफर्मेटिव एक्शन’ (सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने संबंधी प्रोत्साहन) है। समाज के विभिन्न वर्गों में मेल-मिलाप और आरक्षण की व्यवस्था साथ-साथ चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक बदलाव के लिए काम करने वाले महापुरुषों को दलित नेता के रूप में प्रचारित करना उचित नहीं है, क्योंकि वे पूरे समाज के नेता हैं।
उन्होंने कहा कि देश में जब अनुसूचित जाति और जनजाति की दशा के बारे में चर्चा होती है तो आरक्षण का सवाल अवश्य उठता है। संघ आरक्षण का समर्थन करता रहा है। जब अनेक शैक्षणिक परिसरों में आरक्षण विरोधी आंदोलन शुरू हुए थे तो हमने आरक्षण के समर्थन में प्रस्ताव पारित किये थे और सेमीनार का आयोजन किया था।