जम्मू कश्मीर और लद्दाख में कई ऐसी जगहें हैं जो पर्यटन के लिहाज से बहुत ही सुंदर है। लद्दाख में सीमा के पास पर्यटकों को जाने के लिए अब परमिट नहीं लेना पड़ेगा। इस फैसले के बाद लद्दाख में पर्यटन के क्षेत्र में विकास होगा और पर्यटन को लेकर क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार भी खुलेगा।
देशभर के पर्यटक अब लद्दाख के उन इलाकों को भी देख सकेंगे जो अब तक अछूते रहे हैं। विदेशी पर्यटकों को भी बिना अनुमति के इन इलाकों में जाने की इजाजत होगी। केंद्र सरकार के सहयोग से लद्दाख में सीमा से सटे इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने की मुहिम के बीच भारतीय सेना ने यह फैसला लिया है।
भारतीय सेना ने सीमा से लगते कई इलाकों में पर्यटकों के लिए इनरलाइन परमिट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। भारतीय सेना के इस फैसले के बाद क्षेत्र में पर्यटन में बढ़ावा देखने को मिल सकता है। पर्यटकों को अब सियाचिन ग्लेशियर के आधार शिविर तक जाने की इजाजत होगी।
बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना बिना इनर लाइन परमिट के इन इलाकों में जाने नहीं देती थी। लेकिन नए फैसले के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे मान मराक से त्सागल होते हुए चुशूल तक जा सकेंगे। सेना की अनुमति मिलने के बाद लद्दाख पर्यटन विभाग के सचिव महबूबा खान ने पर्यटकों को बिना परमिट इन इलाकों में जाने का आदेश जारी कर दिया है।
लद्दाख में पर्यटकों के लिए 2 बसें भी शुरू की गई हैं। एक बस लेह से हेमिस जाएगी। दूसरी बस पर्यटकों को लेकर संगम तक जाएगी। यह दोनों ही बसें प्रतिदिन लेह से सुबह के 9:00 बजे रवाना होगी। बस में सफर करने के लिए प्रति व्यक्ति ₹500 का टिकट निर्धारित किया गया है।