ऑटो-टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरकार ने खोला खजाना, किए बड़े ऐलान

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केंद्र सरकार को टेलीकॉम सेक्टर को राहत

कोरोना की मार झेल रही ऑटो इंडस्ट्री को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। कैबिनेट ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस स्कीम के तहत ऑटो कंपोनेंट और ड्रोन सेक्टर भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार की यह म पांच साल के लिए लागू रहेगी। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ देश में होने वाले आयात में भी कमी आने की उम्मीद है।

कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार ने ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसके तहत इलेक्ट्र‍िक वाहनों के उत्पादन, हाइड्रोजन फ्यूल व्हीकल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश में 7.60 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

उन्होंने जानकारी दी कि ऑटो कंपोनेंट मेक इन इंडिया के तहत देश में बनाए जा सकेंगे। चयनित चैंपियन ऑटो कंपनियों को कम से कम 2 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। वहीं, नए निवेशकों को 500 करोड़ रुपये का निवेश करना जरूरी है।

टेलीकॉम को राहत पैकेज

केंद्र सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज की बात कही है। टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि टेलीकॉम सेक्टर में 9 बड़े स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हुए हैं। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाये के परिभाषा में बदलाव किया जाएगा।

टेलीकॉम कंपनियों को अब मंथली के जगह एनउली इंटरेस्ट जमा करना होगा। इसके अलावा पेनाल्टी पर भी राहत प्रदान की गई है। स्पेक्ट्रम की अवधि भी अब 20 साल से बढ़ाकर 30 साल कर दिया गया है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स बकाये को लेकर मोरेटोरियम लेने की अवधि को 4 साल तक कर दिया गया है। जो टेलीकॉम कंपनी इस विकल्प को चुनेंगे उन्हें सरकार को ब्याज भी देना होगा।