उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, प्रियंका गांधी के साथ 10 अन्य लोगों के खिलाफ शांति भंग करने का मामले में केस दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाते वक्त सीतापुर में हिरासत में लिया गया। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर ली गई। फिलहाल जिस पीएसी गेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया था, उसे ही उनके लिए अस्थायी जेल घोषित किया गया है।
बता दें कि प्रियंका गांधी ने मंगलवार सुबह खुद को एक दिन से ज्यादा हिरासत में रखे जाने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, “नरेंद्र मोदी सर, आपकी सरकार ने मुझे बिना किसी आदेश और प्राथमिकी के पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। लेकिन किसानों को कुचलने वाले को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।”
इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब प्रियंका गांधी से मिलने के लिए लखनऊ पहुंचे, तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया। इसके बाद बघेल ने वहीं फर्श पर बैठकर धरना शुरू कर दिया। बघेल ने कहा कि वे सीतापुर जाकर प्रियंका गांधी से मिलने के लिए आए हैं, लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा।
उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं – चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पार्टी प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने को गैरकानूनी कदम करार देते हुए कहा कि तथ्यों से साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं है और वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपना कानून चल रहा है।
चिदंबरम ने कहा कि गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी ने उन्हें (प्रियंका) बताया कि उनको दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है। जबकि इस धारा के तहत गिरफ्तार किसी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में नहीं रखा जा सकता, जब तक कि न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से कोई आदेश नहीं आया हो। उन्होंने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी दंड प्रक्रिया संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन है।
वहीं बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव वाड्रा और कांग्रेस के अन्य नेताओं को जिन मुद्दों पर बोलने का अधिकार नहीं है, उन पर ना बोलें। आजादी के तुरंत बाद, देश में गांधीजी के कृषि को प्रमुख आर्थिक आधार मानने के सपने को उस समय के प्रधानमंत्री नेहरु जी ने ध्वस्त कर दिया। फिर तो कृषि और किसान पीछे छूटते ही गए।