नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबीता अय्यर की भूमिका निभानेवाली एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता को बड़ी राहत दी है। जस्टिस हेमंत गुप्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने मुनमुन दत्ता के खिलाफ चार राज्यों में दर्ज सभी मामलों पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ने जाने की मांग पर नोटिस जारी किया है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कथित तौर पर जातिवादी शब्द का इस्तेमाल करने के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं। दत्ता के खिलाफ हरियाणा, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं।
सुनवाई के दौरान मुनमुन दत्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल पश्चिम बंगाल से हैं और उसने जो भंगी शब्द का कथित तौर पर इस्तेमाल किया है वह बांग्ला भाषा में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह शब्द जातिवादी है। उनसे अनजाने में गलती हो गई थी और गलती का अहसास होने पर उन्होंने कुछ ही घंटों के बाद सोशल मीडिया से वह पोस्ट हटा दी थी। तब कोर्ट ने कहा कि जिस शब्द का इस्तेमाल किया गया था, उसके बारे में सभी को मालूम है कि वह जातिसूचक है।
बता दें कि अभिनेत्री की ओर से पोस्ट किए एक यूट्यूब वीडियो ने आक्रोश पैदा कर दिया था, जिसके कारण एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में, दत्ता ने माफी मांगी और वीडियो के आपत्तिजनक हिस्से को हटा दिया। उन्होंने कहा कि उसने भाषा की बाधा के कारण इस शब्द का इस्तेमाल किया।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, ” आप कह रही हैं कि आप एक महिला हैं, लेकिन हमें बताइए कि क्या महिलाओं के पास पुरुषों की तुलना में बेहतर अधिकार हैं या उन्हें भी समान अधिकार हैं?”
जातिवादी गाली का उपयोग करने के मामले में मुनमुन दत्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने शुक्रवार को कहा, ” आपने जो कहा, वह एक पूरे समुदाय को बदनाम करने के लिए हो सकता है।”