राज्यसभा में उठा यूपी टीईटी का मुद्दा, विशेष जांच दल से जांच की मांग की गई

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यूपी टीईटी का मुद्दा

संसद के शीतकालीन सत्र का आज पांचवां दिन है। इस सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष सदन में लगातार हंगामा कर सदन की कार्रवाई को बाधित कर रहा है। निलंबित सांसदों के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा किए जा रहे शोर शराबे के चलते सदन की कार्रवाई को कई बार रोकना पड़ा है।

वहीं राज्यसभा में आज शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के प्रश्न पत्र लीक होने, ओडिशा में धान की खरीद नहीं होने, आन लाइन सट्टेबाजी की निगरानी करने तथा आर्थिक रुप से कमजोर लोगों की आय सीमा बढाये जाने की मांग की गयी।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि 29 नवम्बर को टीईटी परीक्षा थी लेकिन केन्द्रों पर परीक्षा के लिए पहुंचने पर छात्रों को इसके प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी मिली। इन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर 36 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें एक राजनीतिक दल के विधायक के भाई भी हैं जिन्हें सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त है। इसका भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया।

संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017, 2018, 2020 और 2021 में अनेक परीक्षाओं के प्रश्न पत्र आउट हुए हैं। उन्होंने इस मामले की उच्च न्यायालय के विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की।

एनआरसी को वापस लेने की मांग

टीएमसी की सांसद डोला सेन ने कहा है कि भाजपा के मंत्री ने गुरुवार को संसद में कहा कि एनआरसी पूरे भारत में लागू नहीं किया जाएगा। सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेकिन हम एनआरसी को भी वापस लेने की मांग करते हैं।

इससे पहले विपक्ष द्वारा किए जा रहे शोर-शराबे के बाद राज्‍य सभा की कार्रवाई को ढाई बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया।